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लेखनी कहानी -23-Mar-2022 गीत : जनाजे के लिए कंधे, कोई बस चार कर लेना

गीत : जनाजे के लिए कंधे , कोई बस चार कर लेना 


ये जीवन नश्वर है । कल किसने देखा है । इसलिए लालच, ईर्ष्या, द्वेष, अहम् को छोड़ो और बस प्रेम करो । सबसे, ईश्वर से । इसी पर एक गीत प्रस्तुत है । 

गीत : जनाजे के लिए कंधे, कोई बस चार कर लेना 

अगर जिंदा रहोगे तो, फिर बाकी काम कर लेना ।
किसी की यादों में रहना , वहीं मुकाम कर लेना ।।
ना ऊधो का है कुछ लेना , ना माधो को है कुछ देना
जनाजे के लिए कंधे,  कोई बस चार कर लेना ।।

किसी को फ़िक्र धंधे की , कोई शौकीन पूरा है ।
किसी को ऐसा लगता है,  वो घर में भी अधूरा है ।
ठसक छोड़ो चलो घर को , वहां आराम कर लेना 
जनाजे के लिए कंधे , कोई बस चार कर लेना।।

बड़े ज्ञानी हो तुम माना, जो दिनभर ज्ञान पिलाते हो 
कभी टिकटाॅक कभी फेसबुक पे, वीडियो तुम बनाते हो ।
संदेशों पर कभी खुद भी , अमल थोड़ा सा कर लेना ।
जनाजे के लिए कंधे , कोई बस चार कर लेना ‌।।

सुनो भैया , सुनो भाभी , कहा इतना सा मानो तुम ।
आत्मा अमर बदन नश्वर, इस सत्य को पहचानो तुम
थोड़ी पूजा , थोड़ी मस्ती ,  थोड़ा रोमांस कर लेना ।
जनाजे के लिए कंधे , कोई बस चार कर लेना ।।

हरिशंकर गोयल "हरि"
23.3.20 


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10 Comments

Inayat

24-Mar-2022 01:26 AM

Bahut sundar

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Gunjan Kamal

23-Mar-2022 10:50 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Swati chourasia

23-Mar-2022 10:45 AM

बहुत ही बेहतरीन लाजवाब 👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

23-Mar-2022 10:48 AM

हार्दिक आभार मैम 💐💐🙏🙏

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